जैन धर्म श्रमण परम्परा से निकला है तथा इसके प्रवर्तक हैं 24 तीर्थंकर, जिनमें प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव (आदिनाथ) तथा अन्तिम तीर्थंकर महावीर स्वामी हैं। जैन धर्म की अत्यन्त प्राचीनता सिद्ध करने वाले अनेक उल्लेख साहित्य और विशेषकर पौराणिक साहित्यो में प्रचुर मात्रा में हैं। श्वेतांबर व दिगम्बर जैन पन्थ के दो सम्प्रदाय हैं, तथा इनके ग्रन्थ समयसार व तत्वार्थ सूत्र हैं। जैनों के प्रार्थना स्थल, जिनालय या मन्दिर कहलाते हैं।
यह सेवा उन परिवारों में भी विशेष सहयोग करेगी जो अपने पुत्र और पुत्री के विवाह के लिए चिंतित है
महासमिति का विशेष उद्देश्य है कि आज के युवाओं को धर्म के लिए प्रेरित करना और उन्हें सामाजिक विकास के लिए जागरूक करना है
समाजसेवा का उद्देश्य व्यक्तियों, समूहों और समुदायों का अधिकतम हितसाधन होता है। अत: सामाजिक कार्यकर्ता सेवार्थी को उसकी समस्याओं का समाधान करने में सक्षम बनाने के साथ उसके पर्यावरण में अपेक्षित सुधार लाने का प्रयास करता हैाम करेगा
महासमिति प्रयासरत है ऐसे लोगों के लिए जो बेरोजगार हैं और जिन्हें जॉब की आवश्यकता है महा समिति का प्रयास है बेरोजगार सामाजिक व्यक्तियों को समाज के ही व्यक्तियों द्वारा रोजगार प्रदान किया जाए रोजगार देने वाले और रोजगार पाने वाले व्यक्ति हेतु सुविधा प्रारंभ है
महासमिति का प्रयास है कि आपके शहर में हो रहे छोटे बड़े धार्मिक कार्यों की न्यूज़ इस पोर्टल पर प्रसारित हो जिससे धर्म की प्रभावना हो सके
आपके शहर में ऐसे बच्चे जो किसी कारण बस अनाथ हो जाते है महासमिति का प्रयास है कि ऐसे बच्चे को समाज के जरुरत मंद परिवार में पहुंच सके